DAV CENTENARY PUBLIC SCHOOL

URBAN ESTATE, JIND 126102 (HARYANA)

Event Detail  
DADA DADI NANA NANI SAMMAN SAMAROH
Event Start Date : 11/02/2023 Event End Date 11/02/2023

डीएवी शताब्दी पब्लिक स्कूल, जींद में एक शाम दादा-दादी, नाना-नानी के नाम अवसर पर ' दादा-दादी, नाना-नानी सम्मान समारोह ' मनाया गया। डीएवी क्षेत्रीय निदेशक महोदय डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी ने बुजुर्गों के बारे में बताया कि बुजुर्ग हमारे परिवार व संस्कारों की नींव है । विद्यालयों में बच्चों के लिए कार्यक्रम तो बहुत से होते हैं ,लेकिन बुजुर्गों के कार्यक्रम नहीं होते इसलिए पिछले 30 वर्षों से निरंतर स्कूल में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों के दादा- दादी और नाना- नानी को स्कूल में बुलाकर उनका पूजन समारोह करते हैं। विद्यालय में परिवार से संबंधित कोई पुस्तक नहीं लगती यह तो बच्चे अध्यापक गण ,समाज एवं परिवार से सीखते हैं । माता- पिता, दादा- दादी सभी पूजनीय है I डीएवी पब्लिक स्कूल, जींद शिक्षा को संस्कारों से जोड़कर सामाजिक परिवेश का निर्माण करता है। विद्यालय द्वारा दिए गए पोस्ट कार्ड पर पत्र लिखकर सभी बच्चे दादा- दादी, नाना- नानी को स्कूल में आकर सम्मान समारोह मनाने के लिए आमंत्रित करते हैं । समारोह के बहाने संबंधी आपस में मिल लेते हैं ,जो मिलन आज की व्यस्त जीवनशैली की वजह से काफी कम हो गया है। उन्होंने कहा कि आज डीएवी शताब्दी पब्लिक स्कूल एक तीर्थ स्थल लग रहा है । यहांँ विराजमान देवी -देवता के रूप में उपस्थित बुजुर्गों का हम दिल से सम्मान व अभिनंदन करते हैं। इस पूजन समारोह में छोटे -छोटे बच्चे अपने माता- पिता के साथ दादा -दादी, नाना- नानी का विधिवत पूजन करते हैं, चरण स्पर्श करते हैं , माला पहनाते हैं और उनका आशीर्वाद ग्रहण करते हैं। दादा- दादी ,नाना- नानी बच्चों को भेंट स्वरूप सुंदर-सुंदर उपहार देते हैं। यह एक स्वर्ग जैसा नजारा होता है I भावों से परिपूर्ण दादा -दादी, नाना- नानी के चमकते चेहरे और छोटे बच्चों का उत्साह देखने योग्य होता है, डीएवी संस्थाओं के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी इस कार्यक्रम को उतना ही महत्व देते हैं जितना स्कूल में परीक्षाओं को महत्व दिया जाता है I अगर समाज से भ्रष्टाचार मिटाना है, परिवारों को जोड़ना है, देश कोऔर समाज को समृद्ध करने का निर्माण करना है उसका एकमात्र उपाय संस्कारों की शिक्षा है I इस वर्ष भी प्रति वर्ष की भांति यह समारोह धूमधाम से संपन्न हुआ जिसमें 5000 की संख्या में दादा -दादी ,नाना- नानी ने बढ़- चढ़कर भाग लिया I दूर- दूर से आए हुए नाना- नानी और सजे-धजे दादा- दादी की रंगत ही अलग दिखाई दे रही थी I कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण अतिथि के रूप में 104 वर्षीय श्रीमती निक्की देवी रही,जो जींद में सबसे वयोवृद्ध महिला मानी जाती है I इस कार्यक्रम की यही विशेषता है कि इसमें किसी मंत्री या अधिकारी को मुख्य अतिथि न बना कर दादा -दादी, नाना -नानी में जो सबसे ज्यादा आयु का व्यक्ति होता है उसे ही मुख्य अतिथि बनाया जाता है और अध्यक्ष का पद 99 वर्षीय श्री चंद्र सिंह श्योकंद एवं श्रीमती गोदावरी देवी विशिष्ट अतिथि के रूप में 90 वर्षीय श्रीमती टेरी देवी,85 वर्षीय श्रीमती सुखदेवी सिंह , श्रीमती सुनारी देवी 84 वर्षीय श्री दिलीप सिंह व श्री हवा सिंह रहे। जिस समय 104 वर्षीय श्रीमती निक्की देवी को स्टेज पर लाया गया तो पंडाल तालियों से गूंज उठा । डॉ. विद्यार्थी जी ने मुख्य अतिथि व अध्यक्ष का फुल मालाओं से स्वागत किया व शाल भेंट कर तथा उनसे दीप प्रज्वलित करवा कर उनको सम्मानित किया गया । अभिभावकों ने डॉ. विद्यार्थी जी ने इस कार्यक्रम की सराहना में राजन जी ने कहा कि डॉ.धर्मदेव विद्यार्थी जी हर पल बच्चों को संस्कारों का पाठ पढ़ाने में निरंतर प्रयासरत रहतें हैं । वे समय-समय पर ऐसे कार्यक्रम विद्यालय में करते रहती हैं जिससे बच्चों में संस्कार अपने आप समाहित हो जाते हैं । भाजपा विधायक डॉ. मिढा जी द्वारा भेजे गए डोगे बुजुर्गों को प्रदान किए गए। लगभग 2 घंटे तक दादा दादी और नाना नानी का पूजन समारोह बड़े शानदार तरीके से रहा। कार्यक्रम में चौथी ,पाँचवी कक्षा के बच्चों के रंगारंग कार्यक्रम द्वारा सब को आनंदित कर दिया। नन्हे- नन्हे बच्चों ने 'सुर से सुर मिला कर गाए मंगल गान 'मेरा छोटा सा परिवार, है तुझे सलाम इंडिया, हरियाणा की इस माटी म, दादा-दादी नाना-नानी कम इन स्कूल, चांद से प्यारी दादी गीत एवं नृत्य द्वारा दादा- दादी, नाना- नानी का मन मोह लिया । अंतिम चरण दादा दादी, नाना नानी के लिए प्रतियोगिता स्थल रहा, जिसमें विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित की गई ।जिसमें बुजुर्ग दादा-दादीऔर नाना-नानी का उत्साह देखने योग्य था । बड़ी संख्या में लोगों ने सभी प्रतियोगिताओं में भाग लिया । कलीराम डीएवी पब्लिक स्कूल सफीदों की प्राचार्या श्रीमती रश्मि विद्यार्थी जी ने इस कार्यक्रम को अद्भुत और समाज के लिए उपयोगी बताया । उन्होंने कहा कि आज समाज में घरों में बुजुर्गों को इतना सम्मान नहीं मिलता जितना पहले मिलता था । इस प्रकार के कार्यक्रम बच्चों में यह ज्ञान देने की चेष्टा करते हैं । इन बुजुर्गों की वजह से ही हम हैं, हमारा समाज है । इसलिए धन्यवाद स्वरूप हमने उन्हें विधिवत नमस्ते करनी चाहिए और इनका सम्मान करना चाहिए । उनके चरण छूकर आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए, उनकी सेवा करनी चाहिए । बच्चे जहां उनको इस रूप में देखकर आनंदित हुए तो दादा- दादी ,नाना-नानी भी बच्चों की खुशियों में शरीक होकर फूले नहीं समाए । सभी ने स्कूल प्रशासन की ओर से आयोजित इस तरह के आयोजन की तारीफ की। डॉ.धर्मदेव विद्यार्थी व श्रीमती रश्मि विद्यार्थी द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले प्रतियोगियों को मेडल पहनाकर, छड़ी उपहार स्वरूप देकर सम्मानित किया। सीनियर सिटीजन श्री रामफल गर्ग जी ने कार्यक्रम में आकर सभी का उत्साहवर्धन किया । मुख्य अतिथि रूप में पधारे दादाओं ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले बच्चों को धनराशि देकर सम्मानित भी किया । विजेता हुए प्रतियोगियों के नाम इस प्रकार हैं :
• लड्डू जोड़ खाने में दादा में श्री भले राम, श्री जोरा सिंह ने, दादी में श्रीमती दयावंती, श्रीमती शकुंतला, श्रीमती संतोष ,श्रीमती दुर्गा देवी नानी में श्रीमती विमला, श्रीमती कृष्णा, श्रीमती कमलेश ।
• पेस्टी खाने में पुरुषों वर्ग में श्री महेंद्र सिंह, जोरा सिंह एवं महिला वर्ग में श्रीमती कृष्णा देवी, श्रीमती प्रेमा देवी, श्रीमती शीला ।
• रोटी बेलना में श्रीमती सुनीता देवी, श्रीमती कमलेश, श्रीमती अनीता ।
• गन्ने चूसने में - पुरुष टीम में श्री सुरजे सिंह, श्री भले सिंह, श्री राजेंद्र लाठर तथा महिला टीम में श्रीमती मीना गर्ग, श्रीमती कमलेश,श्रीमती शीला ।
• अन्ताक्षरी प्रतियोगिता में दादाओं की टीम विजयी रही ।
• योगा में श्री जोरा सिंह, श्री कपिल ,श्री महेंद्र तथा महिला टीम में श्रीमती सुनीता ,श्रीमती कृष्णा, श्रीमती सुखवंती देवी
• श्रेष्ठ युगल श्री जोरा सिंह एवं श्रीमती शीला देवी, श्री महेंद्र एवं श्रीमती कृष्णा देवी ।
 
 
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