DADA-DADI NANA-NANI PUJAN SAMAROH
Event Start Date : 08/02/2020 Event End Date 08/02/2020
जींद के हीरो को सम्मानित करने का काम अद्भुत है ,बहुत कम लोग है ऐसे होते हैं जो हीरे की सही पहचान रखते हैं और उसे सही जगह सजाते हैं ,डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी बच्चों को तो सही जगह पहुंचाते ही हैं ,इसके साथ-साथ बुजुर्गों को भी उनका मान सम्मान दिलवाते हैं | विशेष रुप से जींद के इतिहास में पहली बार एक ऐसा कदम उठा कर इन्होंने प्रशंसा प्राप्त की है जो इससे पहले नहीं उठाया गया था | पहली बार जींद के उन व्यक्तियों को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से जीवन में उच्च पद प्राप्त कर जींद का गौरव बढ़ाया है | यह उद्गार डॉ. ए.के. चावला पूर्व कुलपति कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल जींद में आयोजित दादा-दादी नाना-नानी सम्मान समारोह के अवसर पर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड की जनसभा में प्रकट किए | जींद की पहली महिला आई.ए.एस. अधिकारी श्रीमती जयवंती श्योकंद ने प्रसन्नता प्रकट करते हुए कहा कि इस प्रकार का समारोह जो बच्चों को संस्कारों से जोड़ता है और राष्ट्र निर्माण की ओर अग्रसर करता है ,वह बहुत प्रेरणादाई है | जवानी में तो सब लोग चिंता करते हैं परंतु बुजुर्ग होने के पश्चात किसी की कोई चिंता करता है तो वह वास्तव में प्रशंसनीय है | हरियाणवी फिल्मों के कलाकार श्री जगबीर राठी ने कहा कि उन्होंने लाखों कार्यक्रम देश और विदेश में आयोजित किए और देखे हैं परंतु इस प्रकार का सम्मान समारोह जिसमें जींद के हजारों बुजुर्ग एक साथ सम्मिलित हो ,उन्होंने पहली बार देखा है | यह किसी शहर के लिए या प्रांत के लिए गौरव की बात है कि वहां के नागरिक इतने चेतन शील हो जाएं कि श्रेष्ठ नागरिकों का सम्मान करें | इसका श्रेय डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी जी को जाता है | श्री जगबीर राठी ने अपने गानों से ऐसा समा बांधा कि भीड़ मंत्रमुग्ध होकर के आनंद उठाती रही | डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी ने कहा कि भगवान को ढूंढने के लिए किसी तीर्थ स्थान पर जाने की जरूरत नहीं होती ,भगवान माता-पिता के रूप में घर में ही मौजूद होते हैं, इसलिए जब कभी पूजा पाठ करने की जरूरत हो, मूर्ति पूजा की जरूरत हो तो घर में जीवित मूर्तियां हैं ,दादा-दादी और नाना-नानी | उनका पूजन कर लें तो समझो सभी देवताओं का पूजन हो जाता है | उन्होंने आशा प्रकट की कि आज उनके द्वारा जींद में जो लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड देने की परंपरा शुरू की गई है ,यह परंपरा आगे भी चलती रहेगी और समय-समय पर इस प्रकार के योग्य व्यक्ति जिन्होंने जींद ,हरियाणा प्रदेश और देश का गौरव बढ़ाया है ,उन्हें सम्मानित करते रहेंगे | इससे पूर्व हजारों की संख्या में दादा-दादी और नाना-नानी जींद स्कूल में पहुंचे ,जहां उनके नाती - पोतों ने सबसे पहले उनके चरण धोकर के चरण वंदन किया | पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया ,तिलक लगाकर के सम्मान किया गया | यह दृश्य अद्भुत और श्रद्धा से भरा हुआ था और डीएवी स्कूल का माहौल एक ऐसे मेले के रूप में परिवर्तित हो रहा था जैसे अमावस्या पर तीर्थ स्थल पर भीड़ उमड़ती है | इस प्रकार की भीड़ आज डीएवी स्कूल में दृष्टिगोचर हुई | इस मौके पर जब लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड का समारोह किया गया तो विधिवत सभी पुरस्कार प्राप्त कर्ताओं को एन.सी.सी. के छात्रों द्वारा और ढोल नगाड़ों के साथ उनका अभिनंदन और स्वागत किया गया | बच्चों के रंगारंग कार्यक्रम के साथ साथ दादा -दादी ,नाना -नानी के भी रंगारंग कार्यक्रम हुए ,जिनमें इतनी भारी भीड़ रही थी कि कार्यक्रम समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रहा था I
डॉ. विद्यार्थी जी ने इस अद्भुत कार्यक्रम में ऐसे व्यक्तित्व को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया जिन्होंने अपने जीवन में कर्मठता एवं शानदार कार्यशैली से जींद की प्रसिद्धि में चार चांद लगाए | इस अवार्ड में जींद के प्रथम सैन्य योद्धा ,सुप्रसिद्ध कानून वेता व भारतीय सेना में उच्च पद प्राप्त करने वाले श्रीमान मेजर जनरल ए.सी.मंगला जी , उच्च कोटि के शिक्षाविद व जींद के प्रथम नागरिक उपकुलपति जैसे पद को सुशोभित करने वाले डॉ. ए.के. चावला जी, नारी सशक्तिकरण का प्रतीक व कुशल प्रशासक के रूप में जींद की प्रथम महिला एच.सी.एस. और आई.ए.एस. अधिकारी श्रीमती जयवंती नैन श्योकंद , देश का सैन्य बल बढ़ाने वाले निरंतर चार पीढ़ियों से भारतीय सेना को समर्पित योद्धा परिवार के प्रतीक मेजर ओम प्रकाश पूनिया जी , भारतीय पैरा मिलिट्री की शान तथा 4 युद्धों में पराक्रम दिखाने वाले शौर्यवीर कमांडेंट रमाकांत जी , हरियाणा संस्कृति के फिल्म निर्देशक एवं गायक श्री जगबीर राठी जी को सम्मान से नवाजा गया | इस कार्यक्रम की विशेषता यह है कि इसमें किसी मंत्री को मुख्य अतिथि न बनाकर कार्यक्रम में दादा दादी नाना नानी में जो सबसे ज्यादा आयु का व्यक्ति होता है उसे ही मुख्य अतिथि बनाया गया जिसमें 82 वर्षीय शीला देवी उपस्थित रही I समारोह में दादा-दादी और नाना-नानी के लिए खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की गई जिसमें गन्ना चूसना रोटी बेलना लड्डू खाना योगासन रस्साकशी तथा समूह नृत्य प्रमुख रहे जिसमें दादा दादी नाना नानी ने बढ़ चढ़कर भाग लिया तथा उन प्रतिभागियों में प्रथम ,द्वितीय, तृतीय निकालना कठिन होने पर डॉ.विद्यार्थी ने सभी प्रतिभागियों को सम्मानित करने का कार्य किया |