Exhibition & Workshop
Event Start Date : 11/09/2021 Event End Date 11/09/2021
101 व्यंजन बनाकर बच्चों ने किया चमत्कार : यह चमत्कार उस समय देखने को मिला जब डेढ़ बरस के पश्चात स्कूल खुले डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल ,जींद के प्राचार्य डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी के इस आह्वान पर कोरोना काल में खाली रहते हुए बच्चों ने घर पर जो कुछ भी बनाना सीखा है उस मॉडल को स्कूल की प्रदर्शनी में ले आएं तो स्कूल के सैकड़ों बच्चे 101 प्रकार के व्यंजन तैयार करके ले आए, जिनमें पिज्जा से लेकर मोदक तक,नारियल के लड्डू से लेकर बूंदी के लड्डू तक ब्रेड पकोड़ा से लेकर पनीर चिल्ला तक भांति-भांति के व्यंजनों को देखकर अतिथि गदगद हो उठे । इस प्रदर्शनी में प्रदेश भर से आए शिक्षाविद विद्वानों ने भाग लिया जिसमें कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. संजीव शर्मा, खानपुर विश्वविद्यालय से डॉ. इसपिता बंसल, एन. आई.टी. कुरुक्षेत्र से डॉ. पी.सी .कौशिक सहित अनेक प्रोफेसरों ने भाग लिया । एक बच्चे ने अपने पिता के संग मिलकर अपने घर की छत पर 503 पौधों को तैयार किया है उसने अपनी प्रदर्शनी से सबको आकर्षित किया। साइंस और सामाजिक के सैकड़ों मॉडल नई कला दिखे रहे थे । वहीं बच्चों ने घर पर तैयार किए हुए मास्क तथा हाथ से बनाई हुई गुड्डे गुड़िया और मिट्टी के बनाए कच्चे बर्तनों ने प्रदर्शनी को चार चांद लगा दिए। जींद के प्रसिद्ध संग्रह वेता श्री गुलशन भारद्वाज ने भारतीय सिक्कों तथा पुरातत्विक तस्वीरों की प्रदर्शनी लगाकर कमाल कर दिया । जिसे देखकर हरियाणा भर से आए हुए शिक्षाविदों ने कहा कि यही है बच्चों के सपनों का आदर्श स्कूल। सभी शिक्षाविद डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल की कार्यप्रणाली को देखकर दांतो तले उंगली दबा गए जब उन्होंने स्कूल में जैविक खाद तैयार होते देखी और हर्बल पार्क में 25 प्रकार के दवाइयों के पौधों को पनपते हुए देखा। इसके साथ हरियाणवी संस्कृति और आर्य समाज तथा डी.ए.वी. पर आधारित म्यूजियम को देखकर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने कहा कि जींद के डी.ए.वी. स्कूल में देश के भविष्य का निर्माण हो रहा है। लोगों ने कहा हम और हमारे बच्चे भी अनेक डी.ए.वी. स्कूलों में पढ़ते हैं लेकिन डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल, जींद जैसा स्कूल कहीं और नहीं देखा। सौभाग्यशाली हैं वह बच्चे और अभिभावक जिन्होंने डी.ए.वी. स्कूल को अपनाया है। पलवल से आए प्राचार्य के.के. गुप्ता ने कहा कि मैंने जीवन में ऐसा सुनियोजित और संस्कार देने वाला स्कूल पहली बार देखा है जिसे देखकर बहुत प्रेरणा मिली है तथा इस स्कूल की बातों को हम अपने कॉलेज में भी लागू करेंगे। इस मौके पर श्री जगराम जी तथा श्री दिलबाग रणबीर सिंह विश्वविद्यालय से भी उपस्थित थे।