गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा:, गुरु साक्षात परम ब्रह्मा, तस्मै श्री गुरुवे नम:।
गुरु बिना ज्ञान नहीं, ज्ञान बिना आत्मा नहीं, ध्यान, ज्ञान, धैर्य और कर्म सब गुरु की ही देन है
शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में डीएवी स्कूल के प्रांगण में कक्षा पांचवी के विद्यार्थियों द्वारा एक क्लास शो-वंदना का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में डॉ रामपाल, वाइस चांसलर, सी आर एस यू, जींद उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ ए.के.चावला, पूर्व वाइस चांसलर, कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी तथा प्रेसिडेंट- सीनियर सिटीजन फॉर्म जींद ने की। मुख्य संवक्ता के रूप में हमारे माननीय क्षेत्रीय निर्देशक डॉ धर्मदेव विद्यार्थी जी ने शिरकत की। इस अवसर पर श्री सुभाष पाहवा जी भी विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम में बच्चों द्वारा अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे स्वागत नृत्य, वी लव यू टीचर, शिक्षक, इक जिंदड़ी, बम बम बोले, शुक्रिया आदि का बहुत ही सुंदर प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर सीनियर सिटीजन फोरम जींद द्वारा शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन भी किया गया, जिसमें शहर के जाने माने सेवानिवृत्त 32 सीनियर सिटीजन शिक्षकों को उनके कार्यकाल के दौरान किए गए बेहतरीन कार्यों के लिए शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया। शिक्षा के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों के कारण हमारी माननीय डॉ रश्मि विद्यार्थी, प्रिंसिपल, डी.ए.वी. कली राम पब्लिक स्कूल, सफीदों को शिक्षक सम्मान अवार्ड सम्मानित किया गया। इसी कड़ी में डी.ए.वी. स्कूल के 10 अन्य शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया जो विद्यालय के कार्यों को सुचारू रूप से चलाने में सदैव अग्रणी रहते हैं, जिनमें श्री अनिल धींगड़ा, श्री प्रवीण, श्रीमती मंजू परूथी, श्रीमती पूजा पाटवा, श्रीमती भारती सतीजा, कुमारी वीना सैनी, श्रीमती सुशील रेढू, श्रीमती सुजाता शर्मा, श्री जसबीर सिंह और श्री विजयपाल थे। आज के हमारे मुख्य अतिथि डॉ ए.के. चावला जी ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता हैं और एक अच्छा शिक्षक अपने बच्चों की सोच के स्तर तक जाकर ही उसका सर्वांगीण विकास करता है तथा बच्चों के साथ मित्रता-भाव रखते हुए उनकी समस्याओं को समझता व जानता है। उन्होंने हमारे माननीय क्षेत्रीय निदेशक जी की उनके समाज और शिक्षा के प्रति सराहनीय कार्यों के लिए भूरी भूरी प्रशंसा की। हमारे माननीय क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर धर्मदेव विद्यार्थी जी ने कहा कि दुनिया में मनुष्य ही एकमात्र ऐसा प्राणी है जिसे ताउम्र सीखने की जरूरत होती है। उन्होंने सर्वप्रथम शिक्षक मां को, दूसरा शिक्षक पिता को तथा तीसरा शिक्षक गुरु को बताया तथा उन सभी शिक्षकों को कोटि-कोटि नमन किया जिन्होंने शिक्षा के प्रति अपना जीवन समर्पित किया है। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की बधाई दी तथा आए हुए अतिथि गणों को सहृदय धन्यवाद किया