INVESTITURE CEREMONY 2024-25
Event Start Date : 06/07/2024 Event End Date 06/07/2024
डी.ए.वी. शताब्दी पब्लिक स्कूल जींद में प्राचार्या श्रीमती रश्मि विद्यार्थी एवं क्षेत्रीय निदेशक महोदय श्रीमान डॉक्टर धर्मदेव विद्यार्थी जी के सानिध्य में विद्यार्थियों में नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिए सदन प्रतिनिधियों का चयन किया गया। सभी बच्चों को इन पदों पर आने का आमंत्रण दिया गया और एक लिखित परीक्षा ली गई। उस परीक्षा में उत्तीर्ण बच्चों का साक्षात्कार एवं चयन के बाद अलंकरण किया गया। शैक्षणिक वर्ष 2024 -25 के लिए कक्षा तीसरी से 8वीं तक के बच्चों को श्रेष्ठ नागरिक बनाने की शिक्षा देने के लिए छात्र परिषद का गठन किया गया। जिसमें लड़कों एवं लड़कियों का कप्तान, उप कप्तान ,खेल कप्तान ,अनुशासन कप्तान ,सांस्कृतिक कप्तान स्वच्छता कप्तान और शैक्षणिक कप्तान की नियुक्ति की गई। सदन की वर्दी में सभी बच्चे बहुत सुंदर लग रहे थे। सभी बच्चे अपने नाम और चित्र वाले बैज पहन कर ख़ुश नज़र आ रहे थे। वही अपने पद को लेकर गर्वित भी महसूस कर रहे थे। कार्यक्रम में सदन के रंग बिरंगे एवं ओम् के ध्वजों की शोभा देखते ही बनती थी । प्रत्येक सदन में 250से 300बच्चे रखे गए हैं। समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन वह गायत्री मंत्र के उच्चारण के साथ हुई जिसके बाद स्कूल के कनिष्ठ विभाग एवं कक्षा छठी से 8वीं तब के विद्यार्थियों ने सस्वर प्रार्थना गाई। ढोलक की थाप पर सभी सदन प्रतिनिधि द्वारा मार्चिंग एक शानदार कार्यक्रम था जिसने कार्यक्रम का माहौल तैयार किया। प्राचार्या श्रीमती रश्मि विद्यार्थी जी आदरणीय क्षेत्रीय निदेशक महोदय डॉक्टर विद्यार्थी जी एवं सदन संरक्षिका श्रीमती रिचा भारद्वाज एवं सुपरवाईजर श्रीमान प्रवीण जी एवं श्रीमति मंजू ने सदन के सभी प्रतिनिधियों को बैज पहनाए। इसके साथ ही इको क्लब ,स्काउट एवं गाइड के कप्तान एवं उप कप्तान भी चुने गए। इसके बाद क्षेत्रीय निदेशक महोदय डॉक्टर धरम देव विद्यार्थी जी ने अपने उद्बोधन में से एक पेड़ माँ के नाम बताते हुए पेड़ को माता जी की उपमा देते हुए उसकी एक माँ की तरह की सेवा करने के लिए बच्चों को प्रेरित किया इसी बात से प्रेरित होकर मनस्वी कक्षा सातवीं की छात्रा ने यह निश्चित किया कि आज वह अपने जन्मदिन पर त्रिवेणी का पौधा विद्यालय में लगाएगी। इसके साथ साथ वातावरण को सुगंधित करने हेतु हवन करने पर विशेष बल दिया। इसके साथ साथ बच्चों में अच्छे संस्कार पैदा करने हेतु माता पिता को प्रातः वंदन करके आने पर विशेष ज़ोर दिया। इसके साथ साथ सदन के लिए चुने गए सभी बच्चों को अपने कर्तव्य और ज़िम्मेदारियों को निभाने के लिए प्रेरित किया।